KisanShopKisanShop is your one-stop online agricultural store offering a wide range of seeds, fertilizers, pesticides, tools, and equipment. Enhance your garden and farm productivity with our high-quality products. Shop now !https://www.kisanshop.in/s/65f83b39d13b931b1c1f1a9b/66e27593ca39fc011035dc37/kisanshop-logo-480x480.png
KisanShop Pvt. Ltd., Afghan Cottage, Near Over Bridge Niwaranpur, Amity University834002RanchiIN
KisanShop
KisanShop Pvt. Ltd., Afghan Cottage, Near Over Bridge Niwaranpur, Amity UniversityRanchi, IN
+918069409553https://www.kisanshop.in/s/65f83b39d13b931b1c1f1a9b/66e27593ca39fc011035dc37/kisanshop-logo-480x480.png"[email protected]

भिन्डी (ओकरा) के बीज

दिखा 12 of 48 उत्पादs
Load More

ओकरा (भिंडी) हरी सब्जी के बीज

भिंडी एक ऐसी सब्जी है जिसे बहुत से लोग खाना पसंद करते हैं. लोग इसे "लेडीज़ फिंगर" या "ओकरा" भी कहते हैं। भिंडी गर्मी और बरसात के मौसम में उगने वाली फसल है। यह भारत के लगभग हर राज्य में उगता है। भिन्डी सबसे महत्वपूर्ण हरी सब्जियों में से एक है। यह तुम्हारी सेहत के लिए ठीक है। इसमें बहुत सारे विभिन्न पोषक तत्व और प्रोटीन होते हैं, इसलिए यह आपके शरीर के लिए अच्छा है। भिंडी विटामिन ए, बी और सी के साथ-साथ प्रोटीन और वसा का भी अच्छा स्रोत है। इसमें आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और तांबा भी होता है।

भिंडी उगाने के लिए सुझाव:

  • मौसम: क्षेत्रीय ऑपरेशन के अनुसार
  • मिट्टी: अच्छी जल निकास वाली रेतीली, दोमट मिट्टी फसल के लिए उपयुक्त है
  • बीज दर: 1.0-1.25 किलोग्राम प्रति एकड़
  • बुआई की दूरी: पंक्ति से पंक्ति 45 सेमी. तथा पौधे से पौधे तक 30 सेमी.

भिंडी के लिए भूमि की तैयारी:

  • खेत की 3 से 4 बार अच्छी तरह जुताई करें
  • 8-10 टन प्रति एकड़ की दर से सड़ी हुई गाय का गोबर डालें और फिर इसे मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें।
  • बीजों को 24 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें और अंकुरित होने पर बोयें।
  • एक स्थान पर एक ही बीज बोयें।

भिंडी के लिए सिंचाई:

गर्मी में 8 से 10 दिन और बरसात में 10 से 15 दिन बाद सिंचाई करें।

खरपतवार प्रबंधन:

  • बुआई के दो दिन बाद (निराई से पहले) खेत में ऑक्सीफ्लोरफेन 50 मिली/एकड़ या पेंडीमेथालिन 30% ईसी 1 लीटर/एकड़ का छिड़काव करें।
  • रोपण के ठीक 25-30 दिन बाद बचे हुए खरपतवार हटा दें।