शानमुख वसुधा एक विशेष रूप से तैयार किया गया टिलरिंग बूस्टर है जिसे कई शूट गठन को बढ़ावा देने और अनाज और सब्जियों में वनस्पति विकास को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। धान, गेहूं और सब्जियों जैसी फसलों के लिए आदर्श, वसुधा स्वस्थ टिलर्स के विकास का समर्थन करता है, जो उच्च उपज क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है। यह बायोटेक-ग्रेड फॉर्मूलेशन पोषक तत्वों के अवशोषण, जड़ों की ताकत और समग्र पौधे की शक्ति को बेहतर बनाने में मदद करता है।
मुख्य लाभ
- अनाज और घास में अधिक टिलर के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है
- जड़ विकास और टहनियों की लम्बाई बढ़ाता है
- पोषक तत्व अवशोषण और प्रकाश संश्लेषण गतिविधि में सुधार करता है
- इससे फसल की एकरूपता बढ़ती है और उपज की संभावना बढ़ती है
- जैविक और पारंपरिक कृषि पद्धतियों में उपयोग के लिए उपयुक्त
विशेष विवरण
पैरामीटर | विवरण |
---|
प्रोडक्ट का नाम | वसुधा |
ब्रांड | शानमुख |
रूप | बारीक |
पैकेजिंग आकार | 3 किलोग्राम |
पैकेजिंग प्रकार | पैकेट |
ग्रेड मानक | बायो-टेक ग्रेड |
उपयोग/अनुप्रयोग | कृषि |
लक्ष्य फसलें | धान, गेहूं, सब्जियां |
द्वारा निर्मित | शानमुखा एग्रीटेक लिमिटेड |
उपयोग निर्देश
- फसल की प्रारंभिक वनस्पति अवस्था में 3 किलोग्राम प्रति एकड़ डालें
- बेहतर कवरेज के लिए नम मिट्टी में समान रूप से छिड़कें या FYM/मिट्टी के साथ मिलाएं
- अवशोषण में सहायता के लिए प्रयोग के बाद खेत में हल्का पानी डालें
- टिलर आरंभ को अधिकतम करने के लिए मौसम की शुरुआत में उपयोग करें
किसानों का अनुभव
वसुधा का उपयोग करने वाले किसानों ने धान और गेहूं के खेतों में टिलरों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की सूचना दी है। बेहतर टिलरिंग के कारण अधिक पैनिकल का निर्माण हुआ और अंततः बेहतर उपज हुई। सब्जी उत्पादकों ने भिंडी और मिर्च जैसी फसलों में मजबूत शाखाएँ और जड़ वृद्धि भी देखी।
पूछे जाने वाले प्रश्न
- प्रश्न 1: वसुधा का प्रयोग कब करना चाहिए?
- इसे प्रारंभिक वनस्पति अवस्था में, आदर्शतः बुवाई या रोपाई के 15-25 दिन बाद प्रयोग किया जाना चाहिए।
- प्रश्न 2: क्या यह सभी प्रकार की मिट्टी के लिए सुरक्षित है?
- हां, अनुशंसित मात्रा में प्रयोग करने पर यह सभी प्रकार की मिट्टी के लिए उपयुक्त है।
- प्रश्न 3: क्या इसका उपयोग उर्वरकों के साथ किया जा सकता है?
- हां, वसुधा को FYM के साथ मिलाया जा सकता है या उर्वरकों के साथ अलग से भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
सुरक्षा सावधानियां
- सीधे सूर्य की रोशनी से दूर ठंडी, सूखी जगह पर रखें
- प्रसारण करते समय दस्ताने और मास्क का उपयोग करें
- बच्चों और जानवरों की पहुंच से दूर रखें
- रासायनिक खरपतवारनाशकों के साथ मिश्रण न करें